मुझे बहुत याद आता है वो गुजरा जमाना, देखना ,मुस्कुराना और, दौड़कर लिपट जाना।
कोन कहता है मज़ा सिर्फ मखमल से , लिपट कर आता है | तू जब गले से लिपट जाये , तो मख़मल भी फीका पड़ जाता है | Happy Hug Day
लिपट कर बदन कई तिरंगे में आज भी आते हैं, यूँ ही नहीं दोस्तों हम ये पर्व मनाते हैं ।